Your ultimate destination for NCERT solutions, chapter-wise learning, and interactive mock tests for classes 6-12.
Very Short Answer Type Questions:
1. धातुओं के क्षरण (Corrosion) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: धातुओं का उनकी सतह पर वायु में उपस्थित ऑक्सीजन, कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, सल्फर-डाइ-ऑक्साइड, हाइड्रोजन-सल्फाइड आदि की क्रिया के फलस्वरूप धातु का क्षय होना क्षरण (Corrosion) कहलाता है।
2. लोहे में जंग लगने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर : लोहे में जंग लगने की प्रक्रिया को जंग लगना (Rusting) या लोहे का क्षरण (Corrosion) कहते हैं।
3. जंग लगने के लिए कौन सी दो प्रमुख शर्तें आवश्यक हैं?
उत्तर : जंग लगने के लिए वायु (ऑक्सीजन) और जल (नमी) का संपर्क आवश्यक है।
4. मैगनेटाइट का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर : मैगनेटाइट का रासायनिक सूत्र Fe3O4 है।
5. हेमेटाइट किस धातु का अयस्क है?
उत्तर : हेमेटाइट लोहे (Iron) का अयस्क है।
6. कैलेमाइन किस धातु का अयस्क है?
उत्तर : कैलेमाइन जिंक (Zinc) का अयस्क है।
7. कॉपर पायराइट्स का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर : कॉपर पायराइट्स का रासायनिक सूत्र CuFe2है।
8. बॉक्साइट किस धातु का अयस्क है?
उत्तर : बॉक्साइट एल्यूमीनियम (Aluminium) का अयस्क है।
9. गैलेना किसका अयस्क है?
उत्तर : गैलेना लेड (सीसा) (Lead) का अयस्क है।
10. अयस्क (Ore) किसे कहते हैं?
उत्तर : ऐसे खनिज जिनसे धातुओं का निष्कर्षण कम खर्च में और आसानी से किया जा सके, अयस्क कहलाते हैं।
11. खनिज (Minerals) क्या होते हैं?
उत्तर : पृथ्वी की परत में विद्यमान धातुएँ और उनके यौगिक जिस रूप में मिलते हैं, वे खनिज कहलाते हैं।
12. धातुकर्म (Metallurgy) की परिभाषा दें।
उत्तर : अयस्कों से धातुओं को शुद्ध अवस्था में प्राप्त करने की संपूर्ण प्रक्रिया को धातुकर्म (Metallurgy) कहते हैं।
13. निस्तापन (Calcination) प्रक्रिया में क्या होता है?
उत्तर : निस्तापन में अयस्क को वायु की अनुपस्थिति या सीमित आपूर्ति में उसके गलनांक से नीचे गर्म किया जाता है, जिससे नमी और वाष्पशील अशुद्धियाँ दूर होती हैं।
14. भर्जन (Roasting) प्रक्रिया में क्या होता है?
उत्तर : भर्जन में अयस्क को वायु की उपस्थिति में उसके गलनांक से नीचे गर्म किया जाता है, जिससे सल्फाइड अयस्क ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं।
15. कॉपर के दो प्रमुख अयस्कों के नाम बताएँ।
उत्तर 15: कॉपर पायराइट्स (CuFeS2) और क्यूप्राइट (Cu2O)।
प्रश्न 16: जिंक के दो प्रमुख अयस्कों के नाम बताएँ।
उत्तर 16: जिंक ब्लेंड (ZnS) और कैलेमाइन (ZnCO3)।
प्रश्न 17. एल्यूमीनियम के दो प्रमुख अयस्कों के नाम बताएँ।
उत्तर : बॉक्साइट (Al2O3.2H2O) और क्रायोलाइट (Na3AlF6)।
18. संक्षारण से बचाने के लिए लोहे पर टिन की परत चढ़ाने को क्या कहते हैं?
उत्तर: इसे टिन-प्लेटिंग (Tin-plating) कहते हैं।
19. लोहे पर जिंक की परत चढ़ाने को क्या कहते हैं?
उत्तर : इसे गैल्वनीकरण (Galvanization) कहते हैं।
20. कॉपर के विद्युत अपघटनी शोधन में कैथोड पर कौन सी अभिक्रिया होती है?
उत्तर : कैथोड पर कॉपर आयन इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर कॉपर धातु में बदल जाते हैं l
21. कॉपर के विद्युत अपघटनी शोधन में एनोड पर कौन सी अभिक्रिया होती है?
उत्तर : एनोड पर अशुद्ध कॉपर धातु से कॉपर परमाणु इलेक्ट्रॉन त्याग कर कॉपर आयन बनाते हैं ।
22. थर्माइट अभिक्रिया में कौन-कौन से अभिकारक भाग लेते हैं?
उत्तर : थर्माइट अभिक्रिया में फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) और एल्यूमीनियम चूर्ण (Al) भाग लेते हैं।
23. थर्माइट अभिक्रिया का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर : थर्माइट अभिक्रिया का उपयोग टूटी हुई रेल की पटरियों और मशीनी पुर्जों को जोड़ने में होता है।
24. दिल्ली के लौह स्तंभ की प्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर : दिल्ली के लौह स्तंभ की प्रमुख विशेषता यह है कि यह लगभग 1600 साल पुराना होने के बावजूद इसमें जंग नहीं लगी है।
25. अमलगम क्या है?
उत्तर : जब कोई धातु पारे (Mercury) के साथ मिलकर मिश्र धातु बनाती है, तो उसे अमलगम कहते हैं।
26. पीतल किन धातुओं का मिश्र धातु है?
उत्तर : पीतल कॉपर (Cu) और जिंक (Zn) का मिश्र धातु है।
27. कांसा किन धातुओं का मिश्र धातु है?
उत्तर : कांसा कॉपर (Cu) और टिन (Sn) का मिश्र धातु है।
28. स्टेनलेस स्टील में कौन-कौन सी धातुएँ होती हैं?
उत्तर : स्टेनलेस स्टील में लोहा (Fe), निकेल (Ni) और क्रोमियम (Cr) मुख्य रूप से होते हैं।
29. ड्यूराल्यूमिन किस धातु का मिश्र धातु है?
उत्तर : ड्यूराल्यूमिन एल्यूमीनियम (Al) का मिश्र धातु है, जिसमें कॉपर (Cu), मैग्नीशियम (Mg) और मैंगनीज (Mn) भी होते हैं।
30. जर्मन सिल्वर में कौन सी धातु नहीं होती है?
उत्तर : जर्मन सिल्वर में सिल्वर (चाँदी) धातु नहीं होती है।
31. अयस्कों के सांद्रण का एक तरीका बताएँ।
उत्तर : अयस्कों के सांद्रण का एक तरीका गुरुत्व पृथक्करण (Gravity Separation) विधि है। (अन्य विधियाँ भी हैं जैसे फेन प्लवन विधि, चुंबकीय पृथक्करण)
32. ऑक्सीकरण अभिक्रिया का एक उदाहरण दें।
उत्तर : Mg + O2 ---→ MgO (मैग्नीशियम का ऑक्सीकरण)
33. अवकरण अभिक्रिया का एक उदाहरण दें।
उत्तर : 2ZnO + C ---→ 2Zn + CO2 (जिंक ऑक्साइड का अवकरण)
34. ऑक्सीकरण और अवकरण एक साथ होने वाली अभिक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर : ऑक्सीकरण और अवकरण एक साथ होने वाली अभिक्रिया को रेडॉक्स (Redox) अभिक्रिया कहते हैं।
35 . अयस्क से धातु निष्कर्षण के लिए पहला चरण क्या होता है?
उत्तर : अयस्क से धातु निष्कर्षण के लिए पहला चरण अयस्क का सांद्रण (Concentration of Ore) होता है।
36. सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुएँ किस विधि द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं?
उत्तर : सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुएँ विद्युत अपघटन (Electrolysis) द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं।
37. मध्य में स्थित धातुएँ किस विधि द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं?
उत्तर : मध्य में स्थित धातुएँ कार्बन द्वारा अपचयन (Reduction by Carbon) या विस्थापन अभिक्रियाओं द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं।
38. नीचे स्थित धातुएँ किस विधि द्वारा निष्कर्षित की जाती हैं?
उत्तर : नीचे स्थित धातुएँ अक्सर अपने सल्फाइड अयस्कों को केवल गर्म करके (भर्जन) निष्कर्षित की जा सकती हैं।
39: विद्युत विश्लेषण में अशुद्ध धातु को कहाँ रखा जाता है?
उत्तर 39: विद्युत विश्लेषण में अशुद्ध धातु को एनोड (Anode) पर रखा जाता है।
40. विद्युत विश्लेषण में शुद्ध धातु कहाँ जमा होती है?
उत्तर : विद्युत विश्लेषण में शुद्ध धातु कैथोड (Cathode) पर जमा होती है।
41. कॉपर सल्फेट विलयन में आयरन डालने पर क्या होता है?
उत्तर : आयरन, कॉपर को कॉपर सल्फेट विलयन से विस्थापित कर देता है, जिससे कॉपर धातु जमा हो जाती है और आयरन सल्फेट बनता है।
CuSO4 + Fe -----→ FeSO4 + Cu
42. जिंक सल्फेट विलयन में कॉपर डालने पर क्या होता है?
उत्तर : कोई अभिक्रिया नहीं होती है, क्योंकि कॉपर जिंक से कम क्रियाशील है और जिंक को उसके लवण विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।
43. गैल्वनीकरण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर : गैल्वनीकरण का मुख्य उद्देश्य लोहे को जंग लगने से बचाना है।
44. जंग को रासायनिक रूप से कैसे व्यक्त किया जाता है?
उत्तर : जंग को हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड (Hydrated Ferric Oxide) के रूप में व्यक्त किया जाता है, जिसका रासायनिक सूत्र Fe2O3.xH2O है।
45. कॉपर पर बनने वाली हरी परत का रासायनिक नाम क्या है?
उत्तर : कॉपर पर बनने वाली हरी परत कॉपर कार्बोनेट (CuCO3) और कॉपर हाइड्रोक्साइड (Cu(OH)2) का मिश्रण होती है, जिसे बेसिक कॉपर कार्बोनेट कहते हैं।
46. लोहे के जंग को रोकने के लिए एक भौतिक विधि का उल्लेख करें।
उत्तर : पेंटिंग, ग्रीसिंग, ऑइलिंग, या वार्निश लगाना।
47. लोहे के जंग को रोकने के लिए एक रासायनिक विधि का उल्लेख करें।
उत्तर : गैल्वनीकरण, टिन-प्लेटिंग, क्रोमियम-प्लेटिंग।
48. धातुओं की सतह पर हवा और पानी की क्रिया से क्या बनता है?
उत्तर : धातुओं की सतह पर हवा और पानी की क्रिया से उनके ऑक्साइड, कार्बोनेट या हाइड्रॉक्साइड बनते हैं, जो क्षरण का कारण बनते हैं।
49. फेरस ऑक्साइड किस रंग का होता है?
उत्तर : फेरस ऑक्साइड (FeO) काला होता है।
50 . सिल्वर धातु पर बनने वाली काली परत का कारण क्या है?
उत्तर : सिल्वर धातु पर काली परत वायु में उपस्थित हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) की क्रिया से बनती है, जिससे सिल्वर सल्फाइड (Ag2S) बनता है।
Short Answer Type Questions:
1: धातुओं के क्षरण (Corrosion) की व्याख्या करें और जंग लगने की प्रक्रिया को समझाएँ।
उत्तर : धातुओं का उनकी सतह पर वायुमंडल में उपस्थित गैसों (जैसे ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड) और नमी की क्रिया के कारण धीरे-धीरे नष्ट होना क्षरण कहलाता है। लोहे के मामले में, इस प्रक्रिया को जंग लगना (Rusting) कहते हैं। जब लोहा (Fe) ऑक्सीजन और जल (H2O) के संपर्क में आता है, तो यह हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड (Fe{2}O{3}.xH{2}O) बनाता है, जिसे जंग कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया:
एनोड पर:
Fe (ठोस) ----→ Fe^2+ (जलीय) + 2e^- ( ऑक्सीकरण)
कैथोड पर :
O2 + 2H2O + 4e^- ----→ 4OH^- + (अवकरण)
Fe2+ आयन OH^- आयनों से मिलकर Fe(OH)2 बनाते हैं, जो आगे ऑक्सीजन से क्रिया कर Fe(OH)3 बनाता है। Fe(OH)3 निर्जलीकरण (dehydration) के बाद Fe2O3.xH2O (जंग) बनाता है।
2. जंग लगने से बचाव के विभिन्न तरीकों का वर्णन करें।
उत्तर : जंग लगने से बचाव के कई तरीके हैं:
* पेंटिंग, ग्रीसिंग या ऑइलिंग: लोहे की सतह पर पेंट, ग्रीस या तेल की परत चढ़ाकर उसे वायु और नमी के संपर्क से बचाया जाता है।
* गैल्वनीकरण (Galvanization): लोहे या स्टील की वस्तुओं पर जिंक (जस्ता) की पतली परत चढ़ाई जाती है। जिंक लोहे से अधिक क्रियाशील होता है, इसलिए यह पहले संक्षारित होता है और लोहे को बचाता है (बलिदानी सुरक्षा)।
* टिन-प्लेटिंग (Tin-plating): लोहे की सतह पर टिन की परत चढ़ाई जाती है। टिन लोहे से कम क्रियाशील है, इसलिए यदि परत टूट जाए तो लोहा संक्षारित हो सकता है।
* क्रोमियम-प्लेटिंग (Chromium-plating): क्रोमियम की परत चमकदार और जंग प्रतिरोधी होती है।
* मिश्र धातु बनाना (Alloying): लोहे को अन्य धातुओं (जैसे क्रोमियम, निकेल) के साथ मिलाकर स्टेनलेस स्टील जैसी जंग प्रतिरोधी मिश्र धातु बनाई जाती है।
* विद्युत-लेपन (Electroplating): किसी एक धातु पर दूसरी धातु की परत चढ़ाना।
3. खनिज और अयस्क में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर : खनिज (Minerals): पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थ, जिनमें धातुएँ या उनके यौगिक पाए जाते हैं, खनिज कहलाते हैं। सभी खनिजों से धातुएँ आसानी से और लाभदायक तरीके से नहीं निकाली जा सकतीं।
* उदाहरण: बॉक्साइट (Al2O3. 2H20) एल्यूमीनियम का एक खनिज है।
* अयस्क (Ores): वे खनिज जिनसे धातुएँ आर्थिक रूप से, आसानी से और बड़े पैमाने पर निष्कर्षित की जा सकती हैं, अयस्क कहलाते हैं। सभी अयस्क खनिज होते हैं, लेकिन सभी खनिज अयस्क नहीं होते।
* उदाहरण: बॉक्साइट एल्यूमीनियम का अयस्क भी है, क्योंकि इससे एल्यूमीनियम का निष्कर्षण लाभदायक है। मिट्टी एल्यूमीनियम का खनिज है लेकिन अयस्क नहीं।
4: धातुओं की सक्रियता श्रेणी क्या है? यह धातुओं के निष्कर्षण में कैसे उपयोगी है?
उत्तर : धातुओं की सक्रियता श्रेणी (Reactivity Series of Metals) धातुओं की उनके रासायनिक क्रियाशीलता के घटते क्रम में व्यवस्थित एक सूची है। इसमें सबसे ऊपर सबसे अधिक क्रियाशील धातुएँ होती हैं और सबसे नीचे सबसे कम क्रियाशील धातुएँ।
उपयोगिता: सक्रियता श्रेणी धातुओं के निष्कर्षण में बहुत महत्वपूर्ण है:
* उच्च क्रियाशील धातुएँ (K, Na, Ca, Mg, Al): ये धातुएँ इतनी क्रियाशील होती हैं कि इन्हें कार्बन द्वारा अपचयित नहीं किया जा सकता। इन्हें इनके गलित क्लोराइड या ऑक्साइड के विद्युत अपघटन द्वारा निष्कर्षित किया जाता है।
* मध्यम क्रियाशील धातुएँ (Zn, Fe, Pb, Cu): ये धातुएँ अपने ऑक्साइड के रूप में पाई जाती हैं (या सल्फाइड/कार्बोनेट को पहले ऑक्साइड में बदला जाता है)। इन्हें कार्बन जैसे अपचायक का उपयोग करके अपचयित किया जाता है।
* कम क्रियाशील धातुएँ (Ag, Au, Pt): ये धातुएँ बहुत कम क्रियाशील होती हैं और अक्सर प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं। इनके सल्फाइड अयस्कों को केवल गर्म करके ही धातु प्राप्त की जा सकती है (जैसे मरकरी, कॉपर)।
5. थर्माइट अभिक्रिया क्या है? इसके उपयोगों का वर्णन करें।
उत्तर . थर्माइट अभिक्रिया (Thermite Reaction) एक अत्यधिक ऊष्माक्षेपी रेडॉक्स अभिक्रिया है, जिसमें धातु ऑक्साइड (जैसे फेरिक ऑक्साइड) का एल्यूमीनियम चूर्ण द्वारा अवकरण किया जाता है। एल्यूमीनियम एक प्रबल अवकारक है।
अभिक्रिया: Fe203 + 2Al ----→ 2Fe (liquid) +Al2O3+ ऊष्मा
उपयोग:
* रेल की पटरियों और टूटी मशीनी पुर्जों को जोड़ने में: अभिक्रिया के दौरान उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा से लोहा पिघल जाता है, जिससे टूटे हुए हिस्सों को जोड़ा जा सकता है। यह "थर्माइट वेल्डिंग" के रूप में जाना जाता है।
* यह अन्य धातु ऑक्साइडों (जैसे क्रोमियम ऑक्साइड, मैंगनीज ऑक्साइड) से धातुओं को निष्कर्षित करने में भी उपयोग होती है।
6. दिल्ली के लौह स्तंभ की जंग रोधक क्षमता का क्या रहस्य है?
उत्तर : दिल्ली के लौह स्तंभ की असाधारण जंग रोधक क्षमता का रहस्य इसकी विशिष्ट निर्माण प्रक्रिया में निहित है, जिसे प्राचीन भारतीय धातुकर्मियों ने विकसित किया था। मुख्य कारण निम्न हैं:
* उच्च फास्फोरस सामग्री: स्तंभ में लोहे की तुलना में फास्फोरस की मात्रा असामान्य रूप से अधिक (लगभग 0.1-0.25%) है। फास्फोरस लोहे की सतह पर एक निष्क्रिय और सुरक्षात्मक परत (जैसे आयरन हाइड्रोजन फास्फेट हाइड्रेट) बनाने में मदद करता है, जो जंग लगने से रोकता है।
* अशुद्धियों की उपस्थिति: इसमें कुछ अन्य अशुद्धियाँ भी हैं जो इसे जंग प्रतिरोधी बनाती हैं।
* निर्माण विधि: स्तंभ को गर्म करने और हथौड़े से पीटकर बनाया गया था, जिससे इसकी सतह पर एक घनी और गैर-छिद्रपूर्ण ऑक्साइड परत बनी, जिसने नमी और ऑक्सीजन को लोहे तक पहुंचने से रोका।
* शुद्धता का स्तर: इसमें कार्बन का स्तर बहुत कम है, जो जंग लगने की संभावना को कम करता है।
7. मिश्र धातु (Alloy) क्या होते हैं? किन्हीं दो मिश्र धातुओं के नाम और उनके उपयोग बताएँ।
उत्तर : मिश्र धातु दो या दो से अधिक धातुओं या एक धातु और एक अधातु के समांगी मिश्रण होते हैं, जिन्हें विशिष्ट गुण प्राप्त करने के लिए बनाया जाता है। ये शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक कठोर, अधिक जंग प्रतिरोधी या बेहतर चालक हो सकते हैं।
* 1. पीतल (Brass):
* संघटन: कॉपर (लगभग 70%) और जिंक (लगभग 30%)।
* उपयोग: बर्तन, मूर्तियाँ, वाद्य यंत्र (जैसे तुरही, ट्रम्पेट), स्क्रू और सजावटी सामान बनाने में।
* 2. स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel):
* संघटन: लोहा (Fe), क्रोमियम (Cr) और निकेल (Ni)।
* उपयोग: बर्तन, सर्जरी के उपकरण, कटलरी, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, पुल और वास्तुकला में।
8. ऑक्सीकरण और अवकरण अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर:
* ऑक्सीकरण (Oxidation):
* ऑक्सीजन का जुड़ना या हाइड्रोजन का निकलना।
* इलेक्ट्रॉनों का त्याग।
* ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि।
* उदाहरण: 2Mg + O2 -----→ 2MgO
* अवकरण (Reduction):
* ऑक्सीजन का निकलना या हाइड्रोजन का जुड़ना।
* इलेक्ट्रॉनों का ग्रहण।
* ऑक्सीकरण संख्या में कमी।
* उदाहरण: CuO + H2O -----→ Cu + H2O
**रेडॉक्स अभिक्रिया:** ऐसी अभिक्रिया जिसमें ऑक्सीकरण और अवकरण दोनों एक साथ होते हैं।
**उदाहरण:** CuO + H2 -----→ Cu + H2O
इस अभिक्रिया में CuO का अवकरण हो रहा है और H2 का ऑक्सीकरण हो रहा है।
9. पीतल, कांसा और जर्मन सिल्वर की संघटन (Composition) और उपयोग लिखें।
उत्तर : पीतल (Brass):
* संघटन: कॉपर (Cu, 60-80%) और जिंक (Zn, 20-40%)।
* उपयोग: बर्तन, मूर्तियाँ, वाद्य यंत्र, स्क्रू, और सजावटी सामान बनाने में।
* कांसा (Bronze):
* संघटन: कॉपर (Cu, 75-90%) और टिन (Sn, 10-25%)। (कभी-कभी जिंक, मैंगनीज भी)।
* उपयोग: मूर्तियाँ, मेडल, सिक्के, जहाज के पुर्जे और घंटी बनाने में।
* जर्मन सिल्वर (German Silver):
* संघटन: कॉपर (Cu, 50-60%), जिंक (Zn, 20-30%) और निकेल (Ni, 10-20%)। (इसमें सिल्वर नहीं होता)।
* उपयोग: बर्तन, सजावटी सामान, ज्वेलरी, और विद्युत प्रतिरोध बनाने में।
10. क्या होगा यदि जिंक सल्फेट विलयन में कॉपर का टुकड़ा डाला जाए? कारण सहित समझाएँ।
उत्तर: यदि जिंक सल्फेट (ZnSO$_{4}$) विलयन में कॉपर (Cu) का एक टुकड़ा डाला जाए, तो कोई अभिक्रिया नहीं होगी।
कारण: कॉपर, जिंक की तुलना में कम क्रियाशील धातु है। धातुओं की सक्रियता श्रेणी में कॉपर जिंक से नीचे स्थित है। एक कम क्रियाशील धातु अधिक क्रियाशील धातु को उसके लवण विलयन से विस्थापित नहीं कर सकती। इसलिए, कॉपर जिंक सल्फेट से जिंक को विस्थापित नहीं कर पाएगा, और विलयन में या कॉपर के टुकड़े पर कोई दृश्य परिवर्तन नहीं होगा।
11. कॉपर सल्फेट के घोल में कॉपर डालने से लोहे से पान में क्या परिवर्तन होगा?
Ans. कॉपर सल्फेट (CuSO4) के जलीय घोल में ताँबा के डालने से लोहे के पान में कोई परिवर्तन नहीं होगा क्योंकि लोहे से CuSO4 को प्रतिविस्थापन नहीं कर सकते हैं।
CuSO4 + Fe = FeSO4 + Cu
12. कार्बन अवकरण हेतु प्रदूषण प्रतिबंध क्यों नहीं कर सकते हैं?
Ans. एल्यूमीनियम एक अधिक क्रियाशील धातु है। इसके ऑक्साइड स्थाई होते हैं। इनको अपकरण स्थायी अपकरण विधि अधिक क्रियाशील धातु द्वारा नहीं कर सकते हैं। एल्यूमीनियम का निष्कासन इसके पिघले हुए ऑक्साइड का विद्युत अपकरण करके किया जाता है।
13. एल्यूमीनियम का एक उपयोग लिखिए। अम्लीय भोजन एल्यूमीनियम के पात्र में रखना क्यों नहीं चाहिए?
Ans. एल्यूमीनियम का उपयोग घरेलू बर्तन विद्युत् तार गाड़ी तथा विमान का ढाँचा बनाने में प्रयोग होता है।
अम्लीय भोजन एल्यूमीनियम के पात्र में नहीं रखना चाहिए। इसके कारण यह है कि अम्लीय खाद्य पदार्थों की उपस्थिति में Al से अभिक्रिया करके घुलनशील पदार्थ बनाते हैं।
14. धातु की क्षरण से क्या समझते हैं?
Ans. धातुओं की सतह पर वायु के ऑक्सीजन, कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, सल्फर-डाइ-ऑक्साइड, हाइड्रोजन-सल्फाइड आदि की क्रिया के फलस्वरूप धातु का क्षय होना क्षरण (Corrosion) कहलाता है।
लोहे के टुकड़े को आर्द्र वायु में कुछ दिन तक खुला छोड़ देने पर उसकी सतह पर भूरे रंग की एक परत बन जाती है, जिसे जंग (Rust) कहते हैं। इस क्रिया को जंग लगना या लोहे का क्षरण (Rusting or Corrosion of Iron) कहते हैं।
15. 'सभी अयस्क खनिज होते हैं लेकिन सभी खनिज अयस्क नहीं होते।' कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
Ans. पृथ्वी के परत में विद्यमान धातुएँ तथा उनके यौगिक जिस रूप में मिलते हैं, वे खनिज कहलाते हैं। इन खनिजों में से जिन खनिजों से धातु लाभप्रद ढंग से निकाली जा सकती है, वह अयस्क कहलाती है। अतः, अयस्क खनिज होते हैं, किन्तु सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं।
16. कॉपर का रंग बदलकर हरा क्यों हो जाता है?
Ans. कॉपर की सतह पर वायुमंडल की O2 तथा जल (नमी) से प्रभावित होकर उसकी सतह पर बेसिक कॉपर-कार्बोनेट (CuSO4. 2Cu(OH)2) की एक परत चढ़ जाती है।